भारत में अराजकता !
भारत में अराजकता का होना कोई नई बात नहीं है । अभी हाल ही में सुनने में आया की हैदराबाद से आये किसी विधायक (नाम प्रस्तुत नहीं कर सकते है।) पर कुछ लोगो ने जानलेवा हमला किया । ये कोई नया मामला नहीं है कि एक समुदाय के लोगो में से किसी व्यक्ति ने दूसरे समुदाये के किसी व्यक्ति विशेष पर हमला किया हो, लेकिन सोचने वाली बात ये है कि ऐसा क्यों हुआ ?
भारत में हमारे संविधान के अनुसार, हमें खुली सोच के साथ बोलने की या अपनी बात रखने की आज़ादी है ! लेकिन "कुछ भी " (अथार्थ - अभद्र भाषा, दुसरो को उकसाना, किसी वर्ग विशेष पर गलत भाषा का प्रयोग करना आदि ) ये ही वो वज़ह है जिस कारणवश हमें आये दिन कुछ न कुछ अनचाही घटनाएं देखने और सुनने को मिलती है । और जो घटना हैदराबादी विधायक के साथ घाटी ये उसी का एक अंश मात्र है।
ऐसा नहीं है कि जो छूट सविधान के तहत मिली है, लोग उसका दुरुपयोग नहीं करेंगे। तो उसके लिए अलग से कानून भी बनाये गए है जो कि सविंधान के अंतर्गत ही आते है और इस कानून के तहत जहरीली या अभद्र भाषा का प्रयोग करने या उकसाने पर कड़ी धराओ के साथ कानून अपना काम भी करता हैऔर कर रहा है। लेकिन प्रभावशाली व्यक्ति होने के कारणवश, माफ़ी मांगकर या यु टर्न लेकर ऐसे लोग फिर बाहर आकर अपनी गन्दी मानसिकता दिखाते रहते है।
हम सभी लोगो को मिलकर ऐसे लोगो के ख़िलाफ़ कड़ी से कड़ी कारवाही करनी चाहिए, और ऐसे लोगो को चुनाव में वोट भी नहीं देना चाहिए । चाहे वह व्यक्ति किसी भी पार्टी, समुदाय , या धर्म से ही जुड़ा क्यों न हो।
नोट :
ये लेख किसी की भावनाओ को ठेस पहुंचने के लिए नहीं है। अपितु ये लेख अभद्र या भड़काऊ भाषा के विरुद्ध जनहित में जारी।
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